जशपुर: शराब के नशे में धुत शिक्षक गांव में झूमते नजर आया, बीईओ ने जांच के बाद कही कार्रवाई की बात, लेकिन ये बात विचारणीय है कि, क्या महज निलंबन से हो जाएगी शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त….
जशपुर जिले के पत्थलगांव विकासखंड स्थित शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला काडरो में पदस्थ शिक्षक सुरेंद्र कुमार मुंजनी ने अपनी गैर-जिम्मेदाराना हरकतों से ग्रामीणों और छात्र-छात्राओं को परेशान कर दिया है। शिक्षक सुरेंद्र कुमार, जिन्हें पहले भी शराब पीकर स्कूल आने की आदत के लिए चेतावनी दी जा चुकी थी, लेकिन फिर भी वह अपनी आदतों से बाज न आकर शराब के नशे में धुत होकर स्कूल पहुंचे। यह घटना शुक्रवार की है जब ग्रामीणों ने शिक्षक को स्कूली समय में नशे में धुत होकर गांव में घूमते देखा। शिक्षक को शराब के नशे में देखकर ग्रामीण काफी आक्रोशित दिखे और शिक्षक को किसी तरह स्कूल पहुंचाया।
ग्रामीणों ने पहुंचाया स्कूल
स्थानीय ग्रामीणों ने शिक्षक सुरेंद्र कुमार को सहारा देकर स्कूल तक पहुंचाया। बच्चों और ग्रामीणों के अनुसार, शिक्षक अक्सर शराब के नशे में धुत रहते हैं और इस दौरान बच्चों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं। बच्चे बताते हैं कि नशे की हालत में वह कई बार मारपीट और गाली-गलौज पर उतर आते हैं। इस कारण से बच्चों में डर और असुरक्षा की भावना बनी हुई है। एक छात्र ने बताया कि शराब की महक छुपाने के लिए शिक्षक खुशबूदार इत्र लगाकर स्कूल में आते हैं। आपको बता दें कि शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय काडरो में कुल 137 छात्र अध्ययनरत हैं, जो शिक्षक की इस हरकत से बेहद परेशान और निराश हैं।
ग्रामीणों और प्रधान पाठक ने की शिकायत
स्कूल के प्रधान पाठक अर्जुन राम यादव ने बताया कि विगत 1 साल से शिक्षक के खिलाफ शिकायत किया जा रहा है लेकिन इसके खिलाफ आजतक कार्रवाई नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि कई बार उन्होंने शिक्षक को शराब के नशे में स्कूल नहीं आने की समझाईस भी दी लेकिन शिक्षक है कि सुधरने का नाम ही नहीं लेता है।
शिक्षा विभाग ने लिया संज्ञान
घटना की जानकारी मिलते ही जिला शिक्षा अधिकारी विनोद पैंकरा ने तुरंत मामले की जांच के आदेश दिए। उन्होंने कहा, “शिक्षक के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद मामले की जांच की जाएगी। जांच प्रतिवेदन जिला शिक्षा विभाग को भेजा जाएगा जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।”
जिला प्रशासन द्वारा पूर्व में भी शराबी शिक्षकों के लिए नशा मुक्ति प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया गया था, लेकिन सुरेंद्र कुमार मुंजनी अपनी आदत से बाज नहीं आए।
प्रभावित हो रही शिक्षा व्यवस्था
इस तरह की घटनाएं न केवल बच्चों की शिक्षा पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं, बल्कि स्कूल में अनुशासनहीनता और अव्यवस्था का माहौल भी बनता है। बच्चों के अभिभावक इस स्थिति से बेहद चिंतित हैं और शिक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि यदि शिक्षक को जल्द ही हटाया नहीं गया, तो वे अपने बच्चों की शिक्षा को लेकर अन्य कदम उठाने पर मजबूर होंगे।
शिक्षा में सुधार की मांग
इस घटना ने एक बार फिर से जशपुर जिले की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि शिक्षा विभाग को इस प्रकार के शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि बच्चों की शिक्षा प्रभावित न हो और स्कूल का माहौल अनुशासित रहे।
अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और क्या इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए कोई ठोस उपाय किया जाता है।