पत्थलगांव: नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस प्रत्याशी श्रीमती उर्वशी देवी सिंह के नामांकन पत्र पर भाजपा द्वारा उठाई गई आपत्ति को पीठासीन अधिकारी ने खारिज कर दिया। यह निर्णय कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए बड़ी राहत और उत्साह का कारण बन गया है। पीठासीन अधिकारी द्वारा इस आपत्ति को अस्वीकार किए जाने के बाद कांग्रेस ने इसे सत्य की जीत बताया और कहा कि अब वे दोगुने जोश से चुनावी मैदान में उतरेंगे।
गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान माहौल कुछ समय के लिए तनावपूर्ण हो गया था। भाजपा ने उर्वशी देवी सिंह के जाति प्रमाण पत्र को लेकर आपत्ति उठाई थी, लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी ने 2012 में छत्तीसगढ़ शासन से जारी जाति प्रमाण पत्र पेश किया। इसके बाद पीठासीन अधिकारी ने भाजपा की आपत्ति को खारिज कर दिया।
जैसे ही यह फैसला सुनाया गया, कांग्रेस कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई। उन्होंने “सत्यमेव जयते” के नारे लगाए और इसे न्याय की जीत करार दिया। इस फैसले के बाद कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता अब और अधिक उत्साहित दिख रहे हैं। कांग्रेस उम्मीदवार उर्वशी देवी सिंह ने कहा, “यह सत्य की जीत है। हमने हमेशा सच्चाई के साथ चुनाव लड़ा है, और अब हम दोगुनी ऊर्जा और जोश के साथ जनता के बीच जाएंगे।”
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी इस फैसले से खुश नजर आए। उन्होंने कहा कि यह फैसला कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार करेगा और अब पार्टी पूरी ताकत से चुनाव प्रचार में जुटेगी। कांग्रेस ने इस निर्णय को अपने पक्ष में एक महत्वपूर्ण मोड़ मानते हुए आगामी चुनावों के लिए अपनी रणनीति को और मजबूत कर लिया है।
वहीं, भाजपा समर्थक इस फैसले से असंतुष्ट नजर आ रहे हैं। भाजपा की ओर से इस मामले पर अगले कदम की योजना बनाई जा रही है। भाजपा के कुछ नेता इसे चुनावी राजनीति का हिस्सा मानते हुए अपना अगला कदम तय करने में लगे हुए हैं।
इस घटनाक्रम ने चुनावी मैदान में माहौल को और अधिक गर्म कर दिया है। अब सभी की निगाहें आगामी प्रचार अभियानों और मतदान पर टिकी हैं। दोनों प्रमुख दलों के बीच होने वाली जुबानी जंग और प्रचार में और तेज़ी आ सकती है, जिससे आने वाले दिनों में चुनावी दृश्य और भी दिलचस्प हो सकता है।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं का उत्साह और भाजपा का असंतोष, दोनों ही चुनावी माहौल को एक नया मोड़ दे रहे हैं। चुनाव के नतीजे पर सबकी निगाहें होंगी, क्योंकि यह फैसला न केवल नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए, बल्कि आने वाले चुनावी संघर्ष में दोनों पार्टियों के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत भी साबित हो सकता है।