जशपुरनगर, 04 अप्रैल 2025: छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के कांसाबेल ब्लॉक स्थित बगिया में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के गृह निवास पर शुक्रवार को चार दिवसीय रामनवमी महायज्ञ का भव्य शुभारंभ हुआ। हिन्दू नव वर्ष और भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के पावन अवसर पर आयोजित इस धार्मिक कार्यक्रम के पहले दिन भव्य कलश यात्रा निकाली गई, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया। सुबह से ही सीएम निवास पर श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी थी, और पूरा परिसर झांझ-मांदर की थापों, भगवान श्रीराम के जयकारों और माता रानी के भक्ति गीतों से गूंज उठा।
कलश यात्रा में दिखा श्रद्धा का अनुपम संगम
दोपहर करीब 3 बजे मुख्यमंत्री निवास से कलश यात्रा की शुरुआत हुई। इस यात्रा में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय भी शामिल हुईं। उन्होंने श्रद्धालु महिलाओं के साथ कदम से कदम मिलाकर पेंड्रा नदी के तट तक का सफर तय किया। सिर पर कलश लिए सैकड़ों महिलाएं पारंपरिक परिधानों में नदी तट से पवित्र जल लेकर आयोजन स्थल तक पहुंचीं। इस पवित्र जल से वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजा स्थल का शुद्धिकरण किया गया। इसके बाद माता रानी की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया शुरू हुई, जिसमें हवन पूजन और मंत्रोच्चार के साथ प्रतिमा को स्थापित किया गया।
सत्य सनातन धर्म के संरक्षण का संकल्प
यह भव्य रामनवमी महायज्ञ धर्म संस्थापक परम पूज्य गुरुदेव स्वामी सर्व श्री धनपति पंडा जी महाराज गुरुधाम भुईयांपानी लैलूंगा के आशीर्वाद से आयोजित किया जा रहा है। सत्य सनातन धर्म देवी संत समाज के सानिध्य में हो रहे इस आयोजन का उद्देश्य सनातन धर्म की परंपराओं को संरक्षित करना और भक्तों में आध्यात्मिक चेतना जागृत करना है। आयोजन के पहले दिन की भव्यता ने इस संकल्प को और मजबूत किया।
चार दिनों तक चलेगा धार्मिक आयोजन
चार दिवसीय इस महायज्ञ का कार्यक्रम निर्धारित समय के अनुसार संपन्न होगा। पहले दिन कलश यात्रा और प्रतिमा स्थापना के बाद शनिवार को दूसरे दिन आरती, पूजन, प्रवचन, लीला और भजन संध्या का आयोजन होगा। रविवार को तीसरे दिन नियमित पूजा के साथ संधि पूजा, प्रवचन और लीला भजन प्रस्तुत किए जाएंगे। अंतिम दिन सोमवार को नवकन्या पूजन, पूर्णाहुति, सहस्त्र स्नान, आशीर्वाद समारोह, प्रतिमा विसर्जन और प्रसाद वितरण के साथ यह महायज्ञ संपन्न होगा।
श्रद्धालुओं से भारी संख्या में शामिल होने की अपील
सत्य सनातन धर्म देवी संत समाज ने सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे इस पावन आयोजन में अधिक से अधिक संख्या में शामिल हों और भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव को भक्ति और श्रद्धा के साथ मनाएं। आयोजकों का कहना है कि यह महायज्ञ न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक एकता और सांस्कृतिक विरासत को भी मजबूत करने का अवसर प्रदान करता है।
मुख्यमंत्री निवास बना आस्था का केंद्र
मुख्यमंत्री निवास बगिया इस चार दिवसीय आयोजन के दौरान आस्था और भक्ति का केंद्र बन गया है। स्थानीय लोगों के साथ-साथ दूर-दराज से आए श्रद्धालुओं ने इस आयोजन में भाग लेकर अपनी आस्था प्रकट की। कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े।
रामनवमी का धार्मिक महत्व
रामनवमी का पर्व भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है, जो सनातन धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह पर्व चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आता है और इस दिन भक्त उपवास, पूजा-अर्चना और रामायण पाठ के माध्यम से भगवान श्रीराम की कृपा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। बगिया में आयोजित यह महायज्ञ इस पर्व की भव्यता को और बढ़ा रहा है।
यह आयोजन न केवल धार्मिक उत्साह का प्रतीक है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान को भी उजागर करता है। आने वाले दिनों में यह महायज्ञ श्रद्धालुओं के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव साबित होगा।