रायपुर में नीति आयोग की कार्यशाला में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने की युवाओं, महिलाओं और जनजातीय समुदायों के लिए रोजगार व आजीविका विस्तार की बात
राज्य समर्थन मिशन के तहत युवाओं को कौशल प्रशिक्षण से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने पर जोर
रायपुर, 02 मई 2025: छत्तीसगढ़ सरकार ने युवाओं, महिलाओं और जनजातीय समुदायों के कौशल विकास, रोजगार और आजीविका के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। राजधानी रायपुर में आज नीति आयोग के ‘राज्य समर्थन मिशन’ के तहत आयोजित ‘नीति-राज्य कार्यशाला श्रृंखला’ का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि भारत एक युवा देश है और युवाओं की शक्ति ही ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार करेगी। इस अवसर पर राज्य के कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा और उच्च शिक्षा विभाग ने चार महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए, जो युवाओं को रोजगार के नए द्वार खोलने में मदद करेंगे।
कौशल विकास: विकसित छत्तीसगढ़ की नींव
मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यशाला में कहा कि 2047 तक छत्तीसगढ़ को एक विकसित राज्य बनाने के लिए युवाओं, महिलाओं और जनजातीय समुदायों को केंद्र में रखकर नीतियां बनाई जा रही हैं। उन्होंने कहा, “युवाओं को उनकी रुचि और क्षमता के अनुरूप कौशल प्रशिक्षण देकर हम उन्हें रोजगार के योग्य बना सकते हैं। यह कार्यशाला बदलते समय की जरूरतों के अनुरूप बेहद प्रासंगिक है।” उन्होंने नीति आयोग की आकांक्षी जिलों की पहल की सराहना करते हुए कहा कि इससे जनजातीय क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार वर्ष 2013 से कौशल विकास पर विशेष ध्यान दे रही है। लाइवलीहुड कॉलेज, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) और महिला स्व-सहायता समूहों को सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं चल रही हैं। उन्होंने महिंद्रा एंड महिंद्रा के साथ हुए समझौते का जिक्र करते हुए कहा कि इसके तहत बस्तर और सरगुजा जैसे क्षेत्रों के युवाओं को ट्रैक्टर निर्माण की आधुनिक तकनीक का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे ग्रामीण युवाओं और उनके परिवारों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा।
चार महत्वपूर्ण एमओयू: रोजगार के नए अवसर
कार्यशाला के दौरान चार महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए, जिनका उद्देश्य युवाओं को रोजगारोन्मुख कौशल प्रदान करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। ये समझौते निम्नलिखित हैं:
1. छत्तीसगढ़ राज्य कौशल विकास प्राधिकरण और नन्दी फाउंडेशन: इस एमओयू का लक्ष्य सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित युवाओं की रोजगार योग्यता को बढ़ाना है। यह कार्यक्रम आवश्यक कौशल प्रदान कर उनकी आजीविका और आर्थिक सुरक्षा को बेहतर बनाएगा।
2. कौशल विकास प्राधिकरण और महिंद्रा एंड महिंद्रा: इस समझौते के तहत दंतेवाड़ा, बलरामपुर और कोंडागांव जिलों के लाइवलीहुड कॉलेजों में ट्रैक्टर मैकेनिक पाठ्यक्रम के लिए अल्पकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। प्रशिक्षण का संचालन रायपुर स्थित स्टेट प्रोजेक्ट लाइवलीहुड कॉलेज सोसायटी द्वारा किया जाएगा।
3. उच्च शिक्षा विभाग और नैसकॉम: यह एमओयू कॉलेजों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को आधुनिक तकनीकों का प्रशिक्षण देकर उन्हें ‘जॉब सीकर’ से ‘जॉब प्रोवाइडर’ बनाने पर केंद्रित है। यह युवाओं को उद्योगों के लिए तैयार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
4. उच्च शिक्षा विभाग और नन्दी फाउंडेशन, हैदराबाद: इस समझौते के तहत महाविद्यालयों के छात्रों को रोजगारपरक प्रशिक्षण प्रदान कर कुशल और आत्मनिर्भर युवा तैयार किए जाएंगे।
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा का विजन
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि बस्तर और सरगुजा जैसे जनजातीय क्षेत्रों के युवाओं के लिए विशेष कोर्स और प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि महिलाओं के लिए स्वरोजगार और उद्यमिता प्रशिक्षण केंद्र खोलने की योजना है। श्री शर्मा ने कहा, “हमें स्किल और इंडस्ट्री को जोड़ना होगा। स्थानीय संसाधनों जैसे कृषि, हस्तशिल्प और फल-फूलों पर आधारित उद्योगों में युवाओं को प्रशिक्षित कर रोजगार सृजित किया जा रहा है।” उन्होंने बस्तर में माओवाद के घटते प्रभाव का जिक्र करते हुए कहा कि अब वहां युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर बनाए जा रहे हैं। जल्द ही ई-हब की शुरुआत होगी, जहां नवाचार करने वाले युवाओं को प्रोटोटाइप, फंडिंग और मार्केटिंग की सुविधाएं मिलेंगी।
मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना की उपलब्धियां
कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा सचिव श्री एस. भारती दासन ने बताया कि मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के तहत अब तक 4.83 लाख युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया है, जिनमें से 2.66 लाख से अधिक को रोजगार मिल चुका है। यह योजना युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
नीति आयोग की भूमिका
नीति आयोग की प्रोग्राम निदेशक डॉ. सोनिया पंत ने कहा कि ‘राज्य समर्थन मिशन’ राज्यों को उनकी आर्थिक और सामाजिक विकास योजनाओं के लिए तकनीकी सहयोग प्रदान करता है। उन्होंने जनजातीय क्षेत्रों में वन-आधारित आजीविका कार्यक्रमों को मजबूत करने पर जोर दिया, जिससे आदिवासी समुदाय की आय में वृद्धि होगी। डॉ. पंत ने कहा कि नीति आयोग जनजातीय युवाओं को नई तकनीक और कौशल से जोड़ने में हर संभव मदद करेगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में कौशल की मांग
मुख्यमंत्री श्री साय ने ग्रामीण क्षेत्रों में इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर और मैकेनिक जैसे कौशलों की बढ़ती मांग पर ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में कुशल कर्मचारियों की कमी को पूरा करने के लिए सरकार व्यापक प्रशिक्षण योजना तैयार कर रही है। इसके अलावा, महुआ, इमली और साल जैसे वन उत्पादों के मूल्यवर्धन से स्थानीय लोगों की आजीविका को बढ़ाने पर भी जोर दिया जा रहा है।
इस कार्यशाला में मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, कौशल विकास तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार के सीईओ श्री विजय दयाराम के., विभागीय अधिकारी और बड़ी संख्या में युवा, महिला और जनजातीय समुदाय के प्रतिनिधि शामिल थे। यह आयोजन छत्तीसगढ़ के युवाओं को सशक्त बनाने और उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। छत्तीसगढ़ सरकार के ये प्रयास न केवल राज्य के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाएंगे, बल्कि ‘विकसित भारत’ के निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान देंगे।