दिनांक: 14 मई 2025, रायपुर
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन, रायपुर में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य के विकास को गति देने और जनकल्याण को बढ़ावा देने के लिए कई अहम निर्णय लिए गए। इन निर्णयों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, साहित्यकारों और कलाकारों को आर्थिक सहायता, औद्योगिक विकास, और रोजगार सृजन जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया। आइए, इन निर्णयों को विस्तार से समझते हैं:
1. मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान: शैक्षणिक सुधार की नई पहल
मंत्रिपरिषद ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत राज्य के शासकीय स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को उन्नत करने के लिए ‘मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान’ शुरू करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया। इस अभियान का उद्देश्य बच्चों की शैक्षणिक उपलब्धियों को बढ़ाना, पालक-शिक्षक सहभागिता को मजबूत करना, और स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना है।
अभियान की प्रमुख विशेषताएं:
– सामाजिक अंकेक्षण और ग्रेडिंग: सभी शासकीय स्कूलों का सामाजिक अंकेक्षण किया जाएगा, जिसके आधार पर उनकी गुणवत्ता की ग्रेडिंग होगी।
– कमजोर स्कूलों की मॉनिटरिंग: कमजोर प्रदर्शन वाले स्कूलों की नियमित निगरानी विभिन्न विभागों के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों द्वारा की जाएगी।
– मॉडल स्कूलों का चयन: उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले स्कूलों को मॉडल स्कूल के रूप में चुना जाएगा। कमजोर स्कूलों के शिक्षकों को इन स्कूलों में शैक्षणिक भ्रमण का अवसर मिलेगा।
– पालक-शिक्षक सहभागिता: पालक-शिक्षक बैठकों (PTM) के जरिए अभिभावकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
– शिक्षण प्रक्रिया में सुधार: कक्षा शिक्षण को और प्रभावी बनाने के लिए प्रक्रियाओं में सुधार किया जाएगा।
स्कूल शिक्षा विभाग जल्द ही इस अभियान के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करेगा। यह अभियान छत्तीसगढ़ के शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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2. साहित्यकारों और कलाकारों के लिए बड़ी राहत: पेंशन में 150% की वृद्धि
मंत्रिपरिषद ने साहित्य और कला के क्षेत्र में कार्यरत आर्थिक रूप से कमजोर कलाकारों और साहित्यकारों को बड़ी राहत देने का निर्णय लिया।
संस्कृति विभाग की वित्तीय सहायता योजना नियम-1986 में संशोधन करते हुए मासिक पेंशन राशि को 2000 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये करने का अनुमोदन किया गया।
योजना का इतिहास और प्रभाव:
– यह योजना 1986 में शुरू हुई थी, जब पेंशन राशि 150 रुपये से 600 रुपये थी।
– 2007 में इसे बढ़ाकर 1500 रुपये और 2012 में 2000 रुपये किया गया।
– पिछले 12 वर्षों में कोई वृद्धि नहीं हुई थी, जिसके कारण कई कलाकारों को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था।
– वर्तमान में 162 कलाकारों को यह पेंशन मिल रही है।
– संशोधन के बाद प्रत्येक कलाकार को वार्षिक 60,000 रुपये (पहले 24,000 रुपये) प्राप्त होंगे।
– इससे राज्य पर 58.32 लाख रुपये का अतिरिक्त वार्षिक वित्तीय भार आएगा, और कुल व्यय 97.20 लाख रुपये होगा।
यह निर्णय साहित्य और कला के क्षेत्र में योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मान और आर्थिक संबल प्रदान करेगा।
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3. औद्योगिक भूमि आबंटन में पारदर्शिता:
नियमों में संशोधन
मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम, 2015 में संशोधन को मंजूरी दी। इस संशोधन का उद्देश्य औद्योगिक विकास को गति देना और भूमि आबंटन प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाना है।
संशोधन के लाभ:
– औद्योगिक क्षेत्रों, लैंड बैंक, और अन्य भूमि खंडों के आबंटन में स्पष्टता और पारदर्शिता बढ़ेगी।
– निवेशकों को भूमि आबंटन प्रक्रिया को समझने और उसका लाभ उठाने में आसानी होगी।
– औद्योगिक निवेश को बढ़ावा मिलेगा, जिससे रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
यह कदम छत्तीसगढ़ को निवेश के लिए और आकर्षक गंतव्य बनाने में मदद करेगा।
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4. औद्योगिक नीति 2024-30 में संशोधन: रोजगार और नवाचार को बढ़ावा
मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में कई महत्वपूर्ण संशोधनों को मंजूरी दी। यह संशोधन राज्य को औद्योगिक और रोजगारपरक दृष्टि से और सशक्त बनाएंगे।
प्रमुख संशोधन और उनके लाभ:
– रोजगार सृजन: स्थानीय लोगों को नौकरी देने वाली कंपनियों को सरकारी अनुदान मिलेगा।
– हाइटेक खेती: हाइड्रोपोनिक्स, ऐयरोपोनिक्स, और IoT (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) जैसी आधुनिक तकनीकों को बढ़ावा।
– खेल और प्रशिक्षण: खेल अकादमियों और निजी प्रशिक्षण केंद्रों को प्रोत्साहन, जिससे युवाओं को बेहतर अवसर मिलेंगे।
– शिक्षा: गुणवत्तापूर्ण विश्वविद्यालयों की स्थापना को प्रोत्साहन।
– पर्यटन: बस्तर और सरगुजा में होटल-रिसॉर्ट के लिए निवेश की न्यूनतम सीमा कम की गई, जिससे पर्यटन और स्थानीय रोजगार बढ़ेगा।
– कपड़ा उद्योग: टेक्सटाइल सेक्टर में 200% तक प्रोत्साहन, जिससे सिलाई-कढ़ाई जैसे कार्यों को बढ़ावा मिलेगा।
– लॉजिस्टिक्स हब: नई लॉजिस्टिक नीति से माल ढुलाई और व्यापार आसान होगा।
– दिव्यांगजनों के लिए लाभ: दिव्यांगजनों की परिभाषा को विस्तारित कर अधिक योजनाओं का लाभ सुनिश्चित किया जाएगा।
– विशेष क्षेत्रों को प्रोत्साहन: ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर, रक्षा, एयरोस्पेस, और निजी औद्योगिक पार्क को विशेष पैकेज।
– जीवन स्तर में सुधार: न्यूनतम 500 छात्र क्षमता वाले CBSE स्कूल और मल्टिप्लेक्स युक्त मिनी मॉल को प्रोत्साहन।
यह नीति छत्तीसगढ़ को आधुनिक और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में मंत्रिपरिषद ने शिक्षा, संस्कृति, और औद्योगिक विकास जैसे क्षेत्रों में दूरगामी निर्णय लिए हैं। **मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान** से बच्चों का भविष्य उज्ज्वल होगा, कलाकारों-साहित्यकारों को आर्थिक सहायता से सम्मान मिलेगा, और औद्योगिक नीतियों से रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। ये निर्णय छत्तीसगढ़ को विकास के पथ पर और तेजी से आगे ले जाएंगे।