जशपुरनगर, 14 मई 2025: जशपुर जिले के कलेक्टर श्री रोहित व्यास ने स्वास्थ्य विभाग की जिला स्तरीय समिति की समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य सुविधाओं की गहन समीक्षा की और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित इस बैठक में कलेक्टर ने स्पष्ट शब्दों में कहा, *”जो काम करेगा, उसे ही वेतन मिलेगा।”* उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, आयुष्मान कार्ड निर्माण, गर्भवती महिलाओं की देखभाल, और अन्य स्वास्थ्य योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर दिया।
स्वास्थ्य सुविधाओं में लापरवाही पर सख्ती
कलेक्टर श्री व्यास ने स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने कर्तव्यों का पालन पूरी जिम्मेदारी के साथ करने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि जो कर्मचारी समय पर कार्यस्थल पर उपस्थित नहीं होते, बिना अवकाश स्वीकृति के अनुपस्थित रहते हैं, या अपने दायित्वों में रुचि नहीं लेते, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। विशेष रूप से, मनोरा के दंत चिकित्सक द्वारा मरीजों का रजिस्टर में नाम दर्ज न करने पर उनके वेतन को रोकने और नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए।
आयुष्मान कार्ड: हर व्यक्ति तक पहुंच सुनिश्चित
आयुष्मान कार्ड निर्माण की प्रगति की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने निर्देश दिए कि जिले के प्रत्येक व्यक्ति का आयुष्मान कार्ड बनाया जाए। इसके लिए ग्राम पंचायत स्तर पर रोस्टर तैयार कर घर-घर सर्वे करने और छूटे हुए लोगों के कार्ड बनाने की प्रक्रिया जून 2025 तक पूरी करने का लक्ष्य रखा गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं, और मितानिनों का सहयोग लेने के साथ-साथ विकासखंड स्वास्थ्य अधिकारियों को साप्ताहिक प्रगति की समीक्षा करने को कहा गया। नारायणपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के आयुष्मान ऑपरेटर को योजना के प्रति उदासीनता के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
गंभीर मरीजों के लिए वाहन सुविधा अनिवार्य
कलेक्टर ने गंभीर मरीजों के लिए 108 और 102 वाहन सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मरीजों को वाहन सुविधा में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वाहनों का लाइव लोकेशन साझा करने और खराब वाहनों की नीलामी करने के निर्देश भी दिए गए। स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध वाहनों को हमेशा चालू हालत में रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई।
गर्भवती महिलाओं और बच्चों की देखभाल पर विशेष ध्यान
समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने गर्भवती महिलाओं और बच्चों की स्वास्थ्य देखभाल पर विशेष जोर दिया। पंजीकृत गर्भवती माताओं या उनके परिजनों के मोबाइल नंबर पोर्टल में दर्ज करने के निर्देश दिए गए ताकि फॉलो-अप कॉल के माध्यम से सही मरीजों से संपर्क कर उनका बेहतर इलाज सुनिश्चित हो सके। गर्भवती महिलाओं और बच्चों को गोद लेने के लक्ष्य को पूरा न करने वाले स्वास्थ्य अधिकारियों और मितानिनों के वेतन रोकने की चेतावनी दी गई।
प्राइवेट पैथोलॉजी और ब्रांडेड दवाओं पर रोक
कलेक्टर ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध टेस्ट सुविधाओं का शत-प्रतिशत उपयोग करने और मरीजों को अनावश्यक रूप से निजी पैथोलॉजी केंद्रों में न भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने डॉक्टरों को मरीजों के पर्चे में ब्रांडेड दवाएं न लिखने की हिदायत दी और मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी को ब्रांडेड दवाओं के उपयोग का ऑडिट करने को कहा। गरीब और जरूरतमंद मरीजों को निजी पैथोलॉजी या दवा दुकानों पर न भेजकर स्वास्थ्य केंद्रों में ही मुफ्त दवाएं उपलब्ध कराने पर जोर दिया गया।
भारतीय जन औषधि केंद्र और अन्य योजनाओं की समीक्षा
कलेक्टर ने स्वास्थ्य केंद्रों में भारतीय जन औषधि केंद्रों के संचालन की प्रगति की समीक्षा की और मरीजों को वहां से दवाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इसके अलावा, चिरायु योजना, टीबी उन्मूलन, सिकल सेल, मलेरिया, मौसमी बीमारियों से बचाव, टीकाकरण, और कुष्ठ उन्मूलन जैसे कार्यक्रमों की विस्तृत समीक्षा की गई। सोनक्यारी के चिकित्सा अधिकारी द्वारा कार्य में रुचि न लेने पर उनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
आरोग्य मंदिरों का नियमित निरीक्षण
कलेक्टर ने सभी ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (बीएमओ) और ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर (बीपीएम) को सप्ताह में कम से कम तीन दिन आरोग्य मंदिरों का मैदानी भ्रमण कर आकस्मिक निरीक्षण करने के निर्देश दिए। निरीक्षण की जियो-टैगिंग के साथ फोटो साझा करने को कहा गया। इसके साथ ही, राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत कोटपा एक्ट के उल्लंघन पर चालानी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।
संस्थागत प्रसव को बढ़ावा
कलेक्टर ने संस्थागत प्रसव को बढ़ाने और निजी अस्पतालों से प्रसव संबंधी जानकारी प्राप्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रत्येक विकासखंड में शासकीय संस्थाओं के बाहर होने वाले प्रसवों के मामलों की जांच करने और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को बेहतर प्रसव सुविधाएं उपलब्ध कराने पर जोर दिया।
बैठक में डिप्टी कलेक्टर श्री हरि ओम द्विवेदी, मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी श्री जी एस जात्रा, सभी विकासखंड चिकित्सा अधिकारी, बीपीएम, और स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे
कलेक्टर श्री रोहित व्यास की इस समीक्षा बैठक ने जशपुर जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक प्रभावी और जवाबदेह बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए। उनके सख्त निर्देशों से यह स्पष्ट है कि स्वास्थ्य विभाग में लापरवाही को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और मरीजों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना प्राथमिकता रहेगी।