जशपुर, 16 मई 2025: छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के कांसाबेल ब्लॉक अंतर्गत दोकड़ा में स्थित प्राचीन भगवान जगन्नाथ मंदिर के जीर्णोद्धार के बाद 21 से 27 मई 2025 तक प्राण प्रतिष्ठा का भव्य समारोह आयोजित किया जा रहा है। इस ऐतिहासिक और धार्मिक आयोजन में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय अपनी धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय के साथ मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। समारोह का शुभारंभ 21 मई को एक भव्य कलश यात्रा के साथ होगा, जिसमें हजारों श्रद्धालु भाग लेंगे।
सात दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा समारोह का विस्तृत कार्यक्रम
प्राण प्रतिष्ठा समारोह सात दिनों तक वैदिक रीति-रिवाजों के साथ संपन्न होगा। आयोजन समिति ने कार्यक्रम का विस्तृत विवरण साझा किया है, जो निम्नलिखित है:
– 21 मई 2025 (पहला दिन): समारोह का शुभारंभ भव्य कलश यात्रा के साथ होगा। इस दिन बीजारोपण, पार्श्व विग्रह स्थापना, और गर्भधान कर्म जैसे अनुष्ठान संपन्न होंगे।
– 22 मई 2025 (दूसरा दिन): सूर्य पूजन, गौ पूजन, मंदिर प्रवेश, वष्टमवागिनी संस्कार, मंडल पूजा, और पार्श्व विग्रह की पूजा होगी।
– 23 मई 2025 (तीसरा दिन): सूर्य पूजा, गौ पूजा, मंडल पूजा, शिखर कलश और नील चक्र स्थापना, महास्नान, यज्ञ, और अधिवास जैसे अनुष्ठान होंगे।
– 24 मई 2025 (चौथा दिन): सूर्य पूजा, गौ पूजा, मंडल पूजा, और यज्ञ हवन का आयोजन किया जाएगा।
– 25 मई 2025 (पांचवां दिन): यह दिन प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य दिन होगा, जिसमें भगवान जगन्नाथ, माता सुभद्रा, और बलभद्र जी का मंदिर में प्रवेश होगा। सोलह पूजा, बीज मंत्र, आरती, अग्नि अभिषेक, पूर्णाहुति, छाया प्रति दर्शन, पुष्पांजलि, और प्रसाद वितरण होगा।
– 26 मई 2025 (छठा दिन): अष्ट प्रहरी हरि कीर्तन और नाम उच्चारण का आयोजन होगा, जो भक्ति भाव से परिपूर्ण रहेगा।
– 27 मई 2025 (सातवां दिन): पूर्णाहुति और महाप्रसाद वितरण के साथ यह भव्य समारोह समाप्त होगा।
पुरी से आएंगे आचार्यों का समूह
इस प्राण प्रतिष्ठा समारोह को वैदिक विधि-विधान से संपन्न कराने के लिए ओडिशा के पुरी से आचार्यों का एक विशेष समूह दोकड़ा पहुंचेगा। इस समूह में पंडित पद्मनाभो महापात्र, पंडित वासुदेव महापात्र, पंडित प्रशांत कुमार दास, पंडित जगन्नाथ मिश्र, पंडित शोभनाथ मिश्र, और पंडित बादल कुमार मिश्र शामिल हैं। ये विद्वान आचार्य पुरी के जगन्नाथ मंदिर की परंपराओं के अनुरूप सभी अनुष्ठानों को संपन्न कराएंगे। आयोजन समिति के स्वयंसेवक इन दिनों समारोह की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की विशेष श्रद्धा
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का इस प्राचीन मंदिर के प्रति विशेष लगाव रहा है। उनके मार्गदर्शन में ही मंदिर का जीर्णोद्धार और यह भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित किया जा रहा है। आयोजन के शुभारंभ के दिन 21 मई को मुख्यमंत्री के दोकड़ा पहुंचने की संभावना है। उनकी उपस्थिति से इस आयोजन की गरिमा और भव्यता और बढ़ेगी।
आठ दशकों से चली आ रही परंपरा
दोकड़ा में भगवान जगन्नाथ की पूजा की परंपरा आठ दशकों से भी अधिक पुरानी है। मंदिर के पुजारी पंडित कुमोद चंद्र सतपती के अनुसार, इस क्षेत्र में रथ यात्रा और जगन्नाथ पूजा की नींव स्वर्गीय पंडित सुदर्शन सतपती और उनकी धर्मपत्नी स्वर्गीय सुशीला सतपती ने रखी थी। वर्ष 1968 में दोकड़ा में इस मंदिर का निर्माण हुआ था, जो समय के साथ जर्जर हो गया। मुख्यमंत्री श्री साय के प्रयासों से मंदिर का जीर्णोद्धार पूरा हुआ, और अब नवनिर्मित मंदिर में भगवान जगन्नाथ, माता सुभद्रा, और बलभद्र की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है।
श्रद्धालुओं से समारोह में शामिल होने की अपील
आयोजन समिति ने क्षेत्र के सभी श्रद्धालुओं से इस ऐतिहासिक प्राण प्रतिष्ठा समारोह में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने की अपील की है। यह समारोह न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह जशपुर की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को भी समृद्ध करेगा। समारोह के दौरान भक्ति, कीर्तन, और प्रसाद वितरण के माध्यम से श्रद्धालुओं को भगवान जगन्नाथ का आशीर्वाद प्राप्त होगा।
दोकड़ा मंदिर का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व
दोकड़ा का भगवान जगन्नाथ मंदिर क्षेत्रीय श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र रहा है। यह मंदिर न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक है। मंदिर के जीर्णोद्धार और प्राण प्रतिष्ठा समारोह से यह और भी अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। पुरी के आचार्यों की उपस्थिति और वैदिक अनुष्ठानों के साथ यह आयोजन इसे एक ऐतिहासिक घटना बनाएगा।
जशपुर के दोकड़ा में भगवान जगन्नाथ मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह एक ऐसा अवसर है, जो न केवल स्थानीय श्रद्धालुओं, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का विषय है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की उपस्थिति, पुरी के आचार्यों का मार्गदर्शन, और श्रद्धालुओं का उत्साह इस आयोजन को अविस्मरणीय बनाएगा। यह समारोह 21 मई से शुरू होकर 27 मई तक चलेगा।