जशपुरनगर, 28 मई 2025: छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के कांसाबेल विकासखंड के ग्राम दोकड़ा में स्थित प्राचीन श्री जगन्नाथ मंदिर में आयोजित प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का समापन मंगलवार, 27 मई 2025 को नगर भ्रमण और एक भव्य सांस्कृतिक संध्या के साथ धूमधाम से संपन्न हुआ। 21 मई से शुरू हुआ यह सात दिवसीय पावन आयोजन आस्था, संस्कृति और सामाजिक समरसता का अनुपम संगम बन गया। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ ने भक्ति और उत्साह के साथ हिस्सा लिया, जिससे समूचा दोकड़ा गांव भक्तिमय और उत्सवी वातावरण में डूब गया।
मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय की गरिमामय उपस्थिति
समापन समारोह की शोभा तब और बढ़ गई, जब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित हुईं। श्रीमती साय ने मंदिर प्रांगण में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के दर्शन किए और विधिवत पूजा-अर्चना कर प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की। उनके द्वारा नगर भ्रमण में शामिल होने से श्रद्धालुओं का उत्साह दोगुना हो गया। श्रीमती साय की उपस्थिति ने इस धार्मिक आयोजन को विशेष गरिमा प्रदान की, और उनकी भागीदारी ने ग्रामवासियों में उत्साह का संचार किया।
अष्ट प्रहरी महायज्ञ और भक्ति संगीत की स्वरलहरियां
प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के अंतर्गत आयोजित अष्ट प्रहरी महायज्ञ इस कार्यक्रम का एक प्रमुख आकर्षण रहा। दिन-रात मंत्रोच्चारण और विशेष पूजा-अनुष्ठानों के साथ यह यज्ञ भक्ति और आध्यात्मिकता का प्रतीक बना। इस अवसर पर ओडिशा के संबलपुर से पधारी कीर्तन मंडली और छत्तीसगढ़ की स्थानीय मंडलियों ने भगवान जगन्नाथ की महिमा का गुणगान करते हुए भजनों और कीर्तनों की मधुर प्रस्तुतियां दीं। इन भजनों ने उपस्थित भक्तों को भाव-विभोर कर दिया और मंदिर परिसर में एक अलौकिक वातावरण का सृजन किया।
नगर भ्रमण: ओडिशा संगीत और आस्था का अनुपम संगम
महोत्सव के समापन के दिन आयोजित नगर भ्रमण ने दोकड़ा गांव को भक्ति और उल्लास के रंगों से सराबोर कर दिया। ओडिशा के संबलपुर से आई कीर्तन मंडली ने पारंपरिक ओडिशा संगीत की मनमोहक प्रस्तुतियां दीं, जो नगरवासियों के लिए आकर्षण का केंद्र रहीं। भक्तजन गुलाल उड़ाते हुए, नाचते-गाते नगर भ्रमण में शामिल हुए, जिससे सारा गांव भगवान जगन्नाथ के जयघोष और संगीतमय भक्ति में डूब गया। यह दृश्य आस्था, संस्कृति और सामुदायिक एकता का प्रतीक बन गया।
नागपुरी सांस्कृतिक संध्या: लोकसंस्कृति का जीवंत प्रदर्शन
रात्रि में आयोजित नागपुरी सांस्कृतिक संध्या ने इस धार्मिक आयोजन को एक सांस्कृतिक उत्सव में बदल दिया। हजारों की संख्या में उपस्थित दर्शकों ने झारखंड के प्रसिद्ध लोकगायकों पवन राय, कयूम अब्बास, सोनी कुमारी, बरखा बड़ाइक और प्रभात की मधुर प्रस्तुतियों का आनंद लिया। इन कलाकारों ने एक से बढ़कर एक नागपुरी गीत प्रस्तुत किए, जिनके स्वर और लोकधुनों ने श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। इस सांस्कृतिक संध्या ने न केवल मनोरंजन प्रदान किया, बल्कि छत्तीसगढ़ और झारखंड की समृद्ध लोकसंस्कृति को भी जीवंत रूप में प्रस्तुत किया।
मंदिर का ऐतिहासिक महत्व और जीर्णोद्धार
दोकड़ा के श्री जगन्नाथ मंदिर का इतिहास 1942 से जुड़ा है, जब पंडित स्व. सुदर्शन सतपथी और उनकी पत्नी सुशीला सतपथी ने यहां रथ यात्रा की परंपरा शुरू की थी। मंदिर का निर्माण 1968 में हुआ था, लेकिन समय के साथ यह जर्जर हो गया था। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय ने पिछले वर्ष इस मंदिर के जीर्णोद्धार का संकल्प लिया था, जिसके फलस्वरूप यह भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित हुआ। मंदिर समिति और ग्रामवासियों के सहयोग से यह पुनर्निर्माण कार्य पूर्ण हुआ, जिसने इस ऐतिहासिक धरोहर को नया जीवन प्रदान किया।
महतारी सदन का भूमि पूजन
इस अवसर पर मुख्यमंत्री दंपति ने दोकड़ा में 24 लाख 74 हजार रुपये की लागत से बनने वाले महतारी सदन का भूमि पूजन भी किया। यह भवन सामुदायिक विकास और सामाजिक कल्याण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। मुख्यमंत्री ने इस कार्य के लिए मंदिर समिति और ग्रामवासियों की सराहना की और उनके सहयोग को इस आयोजन की सफलता का आधार बताया।
आयोजन समिति ने जताया आभार
आयोजन समिति ने इस भव्य कार्यक्रम की सफलता के लिए सभी श्रद्धालुओं, स्थानीय प्रशासन, कलाकारों, कीर्तन मंडलियों और मीडिया का हृदय से आभार व्यक्त किया। समिति के सदस्यों ने कहा कि इस तरह के आयोजन न केवल धार्मिक आस्था को मजबूत करते हैं, बल्कि सांस्कृतिक विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाने और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
दोकड़ा के श्री जगन्नाथ मंदिर में आयोजित प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव ने आस्था, संस्कृति और सामुदायिक एकता का एक अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया। नगर भ्रमण, भक्ति संगीत और नागपुरी सांस्कृतिक संध्या ने इस आयोजन को अविस्मरणीय बना दिया। श्रीमती कौशल्या साय की उपस्थिति और मंदिर के जीर्णोद्धार ने इस कार्यक्रम को ऐतिहासिक और सामाजिक महत्व प्रदान किया। यह आयोजन न केवल दोकड़ा गांव, बल्कि पूरे जशपुर जिले के लिए एक गौरवमयी क्षण बन गया, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा।