रायपुर, 29 मई 2025: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने राजधानी रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद बैठक के तहत आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने युवाओं की भूमिका, शिक्षा, रोजगार, और सुशासन पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने जोर देकर कहा कि “युवा शक्ति ही राष्ट्र शक्ति है” और 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में युवाओं की भूमिका अहम होगी।
ABVP: विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन
मुख्यमंत्री ने कहा कि ABVP विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन है, जो राष्ट्रवादी विचारधारा के साथ छात्रों को दिशा प्रदान करता है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि छत्तीसगढ़ की धरती पर ABVP की तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद बैठक का आयोजन हो रहा है। इस बैठक में देशभर से आए प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया, जो सामाजिक सहभागिता और राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ समरसता का प्रतीक है।[](https://media24news.in/?p=83909)
शिक्षा: विकास का मूलमंत्र
श्री साय ने शिक्षा को जीवन का आधार और विकास का मूलमंत्र बताया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। प्रदेश में IIT, AIIMS, IIIT, और नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी जैसे शीर्षस्थ संस्थान स्थापित हैं, जहां युवा उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। नई शिक्षा नीति के तहत छत्तीसगढ़ में युवाओं को रोजगार से जोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रयास जैसी संस्थाएं स्कूली बच्चों को शिक्षा प्रदान कर रही हैं, और इनके माध्यम से कई बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता हासिल कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि सिविल सेवा जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं के लिए नई दिल्ली में ट्राइबल यूथ हॉस्टल की क्षमता को बढ़ाकर 200 सीट किया गया है। इसके अलावा, प्रदेश भर में नालंदा परिसर स्थापित किए जा रहे हैं, जहां छात्र शांत वातावरण में पढ़ाई कर सकें। मेडिकल की पढ़ाई अब हिंदी भाषा में भी उपलब्ध है, और प्राथमिक स्तर पर बच्चों को उनकी मातृभाषा जैसे गोंडी और हल्बी में शिक्षा दी जा रही है।
नई औद्योगिक नीति: रोजगार की नई संभावनाएं
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति की सराहना करते हुए कहा कि यह नीति पूरे देश में चर्चा का विषय बनी है। इस नीति के तहत न केवल निवेश को बढ़ावा दिया जा रहा है, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित हो रहे हैं। सेमीकंडक्टर चिप निर्माण और AI डेटा सेंटर जैसे क्षेत्रों में कार्य शुरू हो चुका है, जो भविष्य में युवाओं के लिए रोजगार की अपार संभावनाएं लाएंगे।
सुशासन और पारदर्शिता
श्री साय ने अपनी सरकार के सुशासन तिहार के तीसरे चरण का जिक्र करते हुए कहा कि डेढ़ साल में जनता से प्राप्त फीडबैक के आधार पर कई समस्याओं का समाधान किया गया है। प्रथम चरण में प्राप्त आवेदनों का निराकरण द्वितीय चरण में किया गया, और अब तृतीय चरण में सरकार जनता के बीच जाकर उनकी समस्याएं सुन रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी को पूरा करते हुए 70 लाख माताओं-बहनों को महतारी वंदन योजना के तहत आर्थिक सहायता दी जा रही है। इस योजना से कई महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं, जैसे नारायणपुर की एक महिला ने सिलाई मशीन खरीदी और दूसरी ने किराना दुकान शुरू की।
छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जहां सुशासन एवं अभिसरण विभाग की स्थापना की गई है। सरकार के सभी कार्य पारदर्शिता के साथ हो रहे हैं, और ई-फाइल सिस्टम के माध्यम से डिजिटाइजेशन को बढ़ावा दिया जा रहा है। भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं, और PSC में हुए भ्रष्टाचार की जांच CBI को सौंपी गई है।
भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस
मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के प्रति अपनी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति को दोहराया। उन्होंने कहा कि युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। PSC घोटाले की जांच CBI को सौंपने का निर्णय इसी दिशा में एक कदम है।
उपस्थित गणमान्यजन
कार्यक्रम में कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, विधायक श्री किरण देव, विधायक श्री मोतीलाल साहू सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे। यह आयोजन ABVP के राष्ट्रीय नेतृत्व और छत्तीसगढ़ की जनता के बीच एक सेतु के रूप में उभरा, जो युवा शक्ति को राष्ट्र निर्माण से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने अपने संबोधन में युवाओं को राष्ट्र निर्माण का आधार बताते हुए शिक्षा, रोजगार, और सुशासन के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित किया। ABVP जैसे संगठन के साथ जुड़कर उन्होंने युवाओं को राष्ट्रवादी चेतना के साथ आगे बढ़ने का आह्वान किया। यह समारोह न केवल छात्रों के लिए प्रेरणादायी रहा, बल्कि छत्तीसगढ़ के विकास और सुशासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।