नई दिल्ली, 6 जून 2025: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने शुक्रवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने बस्तर सहित पूरे छत्तीसगढ़ में शांति, विकास, और डिजिटल बदलाव की नई तस्वीर प्रस्तुत की। मुख्यमंत्री ने बताया कि बस्तर, जो कभी नक्सलवाद और हिंसा के लिए जाना जाता था, अब डिजिटल क्रांति और सुशासन के प्रतीक के रूप में उभर रहा है।
प्रधानमंत्री से मुलाकात: बस्तर में शांति और सुशासन की कहानी
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात में मुख्यमंत्री श्री साय ने बस्तर में शांति व्यवस्था, विभिन्न विकास योजनाओं, और हाल ही में आयोजित सुशासन तिहार की उपलब्धियों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने पिछले डेढ़ वर्षों में बस्तर में 64 नए फॉरवर्ड सुरक्षा कैंप स्थापित किए हैं। इन कैंपों ने न केवल सुरक्षा की भावना को मजबूत किया है, बल्कि क्षेत्र में संचार क्रांति को भी गति दी है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि बस्तर में अब तक 671 मोबाइल टावर स्थापित किए गए हैं, जिनमें से 365 टावर 4G सेवाओं से लैस हैं। ये टावर न केवल संचार का माध्यम हैं, बल्कि विकास और विश्वास के प्रतीक बन रहे हैं। अब बस्तर के युवा स्मार्टफोन के जरिए डिजिटल दुनिया से जुड़ रहे हैं, और शिक्षा व नौकरी की तैयारी के लिए उन्हें अब शहरों की ओर पलायन नहीं करना पड़ रहा।
गृह मंत्री से चर्चा: नक्सलवाद पर नियंत्रण और विकास की नई दिशा
केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के साथ मुलाकात में मुख्यमंत्री ने नक्सलवाद पर नियंत्रण और राज्य के विकास से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि बस्तर में सुरक्षा कैंपों के आसपास बसे गांवों में अब बिजली, पानी, स्वास्थ्य, और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं पहुंच रही हैं। नियद नेल्लानार योजना के तहत 146 चिन्हित गांवों में 18 सामुदायिक सेवाएं और 25 सरकारी योजनाएं एक साथ लागू की जा रही हैं।
सुशासन तिहार: जनता के द्वार तक सरकार
मुख्यमंत्री ने सुशासन तिहार के तहत आयोजित सैकड़ों समाधान शिविरों की सफलता पर प्रकाश डाला। इन शिविरों में सांसद, विधायक, और अधिकारी गांव-गांव पहुंचकर जनता की समस्याओं का समाधान कर रहे हैं। ग्रामीणों को राशन कार्ड, आधार, पेंशन, आयुष्मान कार्ड, प्रधानमंत्री आवास, उज्ज्वला गैस जैसी योजनाओं का लाभ एक ही मंच पर प्रदान किया जा रहा है। यह पहल न केवल प्रशासन को जनता के करीब ला रही है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में विश्वास और विकास को भी बढ़ावा दे रही है।
जल संरक्षण: मिशन मोड में काम
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ में जल संरक्षण के लिए किए जा रहे नवाचारों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य में बारिश के दिन घटकर अब केवल 65 दिन रह गए हैं, जिसके कारण जल संकट एक बड़ी चुनौती बन गया है। इस समस्या से निपटने के लिए सरकार GIS मैपिंग और ‘जलदूत’ मोबाइल ऐप जैसे आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर रही है। ये उपकरण जल संसाधनों की आवश्यकता और प्रबंधन को समझने में मदद कर रहे हैं।
खास बात यह है कि इस अभियान में महिला समूह सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। वे तालाबों की सफाई, गहराई बढ़ाने, और पुराने जल स्रोतों को पुनर्जनन में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। इस जनभागीदारी से गांवों में पानी की कमी दूर हो रही है, और स्थानीय स्तर पर साफ और पर्याप्त पानी उपलब्ध हो रहा है।
नालंदा परिसर और प्रयास मॉडल: शिक्षा में क्रांति
मुख्यमंत्री ने नालंदा परिसर की चर्चा की, जो देश की पहली 24×7 हाइब्रिड सार्वजनिक लाइब्रेरी है। 18 करोड़ की लागत से निर्मित इस परिसर में ई-लाइब्रेरी, यूथ टॉवर, हेल्थ ज़ोन, और सौर ऊर्जा आधारित व्यवस्था जैसी सुविधाएं हैं। अब तक 11,000 से अधिक छात्र इस सुविधा का लाभ उठा चुके हैं, जिनमें से 300 से अधिक छात्रों ने यूपीएससी और सीजी पीएससी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता हासिल की है।
इसके अलावा, ‘प्रयास’ मॉडल के तहत वंचित और आदिवासी बच्चों को आईआईटी, नीट, क्लैट जैसी परीक्षाओं की तैयारी कराई जा रही है। अब तक 1508 छात्र राष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रवेश पा चुके हैं।
प्रधानमंत्री का आश्वासन
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में हो रहे विकास कार्यों की सराहना की और केंद्र सरकार की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
बस्तर: डर से डिजिटल क्रांति तक
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा, “बस्तर अब डर का पर्याय नहीं रहा। मोबाइल टावर, 4G नेटवर्क, और डिजिटल सुविधाएं बस्तर को नई पहचान दे रही हैं। यह बदलाव न केवल तकनीकी है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक क्रांति का भी प्रतीक है।”
छत्तीसगढ़ की यह नई तस्वीर न केवल बस्तर के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा है। डिजिटल बदलाव, सुशासन, और जनभागीदारी के साथ छत्तीसगढ़ विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है।