रायपुर, 07 जून 2025: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के साथ बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना और इंद्रावती-महानदी इंटरलिंकिंग परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना के रूप में विकसित करने के संबंध में विस्तृत चर्चा की। इन परियोजनाओं को बस्तर संभाग के चहुंमुखी विकास और सिंचाई सुविधाओं के विस्तार के लिए महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। दोनों परियोजनाओं के माध्यम से लगभग 7 लाख हेक्टेयर भूमि में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी, जिससे बस्तर क्षेत्र में कृषि, रोजगार और आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।
बस्तर के लिए ऐतिहासिक कदम
मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि बस्तर संभाग लंबे समय से नक्सल प्रभावित रहा है, जिसके कारण यह क्षेत्र सिंचाई और बुनियादी ढांचे के विकास में पिछड़ गया। बोधघाट बांध और इंद्रावती-महानदी इंटरलिंकिंग परियोजनाएं इस क्षेत्र की सिंचाई समस्याओं को दूर करने के साथ-साथ आर्थिक और सामाजिक विकास को गति प्रदान करेंगी। उन्होंने कहा, “ये परियोजनाएं बस्तर के विकास की रफ्तार को दोगुना करेंगी और क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने में मील का पत्थर साबित होंगी।”
बोधघाट बांध परियोजना: एक बहुआयामी पहल
बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना इंद्रावती नदी पर प्रस्तावित है, जो गोदावरी नदी की प्रमुख सहायक नदी है। यह परियोजना दंतेवाड़ा जिले के गीदम तहसील के बारसूर गांव से लगभग 8 किमी और जगदलपुर शहर से 100 किमी की दूरी पर बनाई जाएगी। इस परियोजना की शुरुआत गोदावरी जल विवाद अभिकरण के 1980 के अवॉर्ड में उल्लिखित थी, लेकिन नक्सल समस्या और दूरस्थ क्षेत्र होने के कारण इसे अब तक शुरू नहीं किया जा सका।
परियोजना की प्रमुख विशेषताएं:
– सिंचाई क्षमता: खरीफ और रबी फसलों के लिए 3,78,475 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई सुविधा।
– जलापूर्ति: 49 मिलियन घन मीटर पेयजल की उपलब्धता।
– विद्युत उत्पादन: 125 मेगावाट का हाइड्रोपावर उत्पादन।
– मत्स्य पालन: प्रतिवर्ष 4,824 टन मछली उत्पादन, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
– जल भंडारण: 2,009 मिलियन घन मीटर उपयोगी जल भंडारण और 2,727 मिलियन घन मीटर कुल जल भंडारण क्षमता।
– क्षेत्रफल: पूर्ण जल स्तर पर 10,440 हेक्टेयर सतह क्षेत्र।
इंद्रावती-महानदी इंटरलिंकिंग परियोजना
यह परियोजना बस्तर संभाग के कांकेर जिले सहित 3,00,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि में सिंचाई सुविधा प्रदान करेगी। विशेष रूप से कांकेर जिले में 50,000 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई का लाभ मिलेगा। यह परियोजना क्षेत्र में कृषि उत्पादकता को बढ़ाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
लागत और तकनीकी पहलू
दोनों परियोजनाओं की अनुमानित लागत 49,000 करोड़ रुपये है, जिसमें बोधघाट बांध परियोजना की लागत लगभग 29,000 करोड़ रुपये और इंद्रावती-महानदी इंटरलिंकिंग परियोजना की लागत लगभग 20,000 करोड़ रुपये है। इनमें हाइड्रोपावर, इलेक्ट्रोमैकेनिकल कार्य और सिविल कार्य (सिंचाई) शामिल हैं।
लाभान्वित होने वाले क्षेत्र
– बोधघाट बांध परियोजना: दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा जिले के 269 गांवों में सिंचाई और पेयजल की सुविधा उपलब्ध होगी।
– इंद्रावती-महानदी इंटरलिंकिंग: कांकेर जिले के कई गांवों में सिंचाई सुविधा का विस्तार होगा।
बस्तर के लिए नई संभावनाएं
मुख्यमंत्री श्री साय ने जोर देकर कहा कि ये परियोजनाएं न केवल बस्तर की सिंचाई समस्याओं का समाधान करेंगी, बल्कि क्षेत्र में बुनियादी ढांचे, रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देंगी। बस्तर को नक्सलवाद के प्रभाव से मुक्त कर इसे विकास के मुख्यधारा में लाने के लिए ये परियोजनाएं महत्वपूर्ण साबित होंगी।
प्रधानमंत्री के साथ चर्चा
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के साथ चर्चा में मुख्यमंत्री ने इन परियोजनाओं को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि इन परियोजनाओं से न केवल बस्तर बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के लिए दीर्घकालिक लाभ होंगे। यह परियोजनाएं स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाने और क्षेत्र की प्राकृतिक संसाधनों का समुचित उपयोग सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
छत्तीसगढ़ सरकार इन परियोजनाओं को शीघ्र शुरू करने के लिए प्रतिबद्ध है। केंद्र सरकार के सहयोग से इन परियोजनाओं को राष्ट्रीय महत्व का दर्जा मिलने की उम्मीद है, जिससे बस्तर संभाग में विकास की नई संभावनाएं खुलेंगी। इन परियोजनाओं के पूरा होने पर बस्तर न केवल आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि यह क्षेत्र देश के अन्य विकसित क्षेत्रों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलेगा।
बोधघाट बांध और इंद्रावती-महानदी इंटरलिंकिंग परियोजनाएं बस्तर के लिए एक नई सुबह की शुरुआत हैं। ये परियोजनाएं क्षेत्र की आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान देंगी। छत्तीसगढ़ सरकार और केंद्र सरकार के संयुक्त प्रयासों से बस्तर का भविष्य उज्ज्वल और समृद्ध होगा।