रायपुर, 8 जून 2025: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों के लिए दो दिवसीय चिंतन शिविर 2.0 का आज भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), रायपुर में शानदार शुभारंभ हुआ। छत्तीसगढ़ शासन के सुशासन एवं अभिसरण विभाग द्वारा आयोजित इस शिविर का उद्देश्य राज्य में सुशासन, विकास और नीति निर्माण को नई दिशा प्रदान करना है। इस महत्वपूर्ण आयोजन में देश के प्रख्यात विशेषज्ञ और विचारक विभिन्न सत्रों में अपनी विशेषज्ञता साझा करेंगे।
शिविर का उद्देश्य: सुशासन और विकास के लिए नवाचार
चिंतन शिविर 2.0 का आयोजन छत्तीसगढ़ सरकार के लिए नीति निर्माण में नवाचार, सुशासन को मजबूत करने और विकास की दिशा में रणनीतिक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए किया गया है। यह शिविर सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों को विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श करने का अवसर प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर कहा कि इस तरह के आयोजन छत्तीसगढ़ के विकास और जनता की भलाई के लिए नीतियों को और प्रभावी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने पिछले वर्ष आयोजित चिंतन शिविर का जिक्र करते हुए कहा कि उससे प्राप्त सुझावों का उपयोग राज्य के नीति निर्माण और बजट तैयार करने में किया गया, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए।
प्रथम दिन: महत्वपूर्ण विषयों पर सत्र
शिविर के पहले दिन कई महत्वपूर्ण विषयों पर सत्र आयोजित किए गए। इनमें शामिल हैं:
– परिवर्तनकारी नेतृत्व और दूरदर्शी शासन: इस सत्र में नेतृत्व की नई शैलियों और शासन में नवाचार पर चर्चा की गई, ताकि राज्य में प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाया जा सके।
– संस्कृति, सुशासन और राष्ट्र निर्माण: इस सत्र में छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को सुशासन और राष्ट्र निर्माण के साथ जोड़ने पर जोर दिया गया।
– सक्षमता से सततता तक: विकास के लिए सार्वजनिक वित्त पर पुनर्विचार: इस सत्र में विकास के लिए वित्तीय संसाधनों के कुशल उपयोग और दीर्घकालिक योजनाओं पर विचार-विमर्श किया गया।
प्रख्यात विशेषज्ञों की भागीदारी
इस दो दिवसीय शिविर में देश के कई जाने-माने विशेषज्ञ अपने विचार साझा करेंगे। इनमें शामिल हैं:
– डॉ. विनय सहस्रबुद्धे, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के पूर्व अध्यक्ष, जो संस्कृति और शासन के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता साझा करेंगे।
– प्रो. हिमांशु राय, डायरेक्टर, आईआईएम इंदौर, जो प्रबंधन और नेतृत्व पर अपने अनुभव साझा करेंगे।
– डॉ. रविंद्र ढोलकिया, आईआईएम अहमदाबाद, जो आर्थिक नीतियों और वित्तीय प्रबंधन पर चर्चा करेंगे।
– श्री संजीव सान्याल, प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य, जो आर्थिक रणनीतियों पर अपने विचार प्रस्तुत करेंगे।
– उदय माहुरकर, पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक, जो शासन और नीति निर्माण पर अपने विश्लेषण साझा करेंगे।
– डॉ. राजेंद्र प्रताप गुप्ता, ग्लोबल डिजिटल स्वास्थ्य विशेषज्ञ, जो डिजिटल गवर्नेंस और स्वास्थ्य नीतियों पर विचार-विमर्श करेंगे।
इन विशेषज्ञों के सत्रों से मंत्रिमंडल के सदस्यों को नई दृष्टि और रणनीतियों को समझने का अवसर मिलेगा, जिसे वे अपने कार्यक्षेत्र में लागू कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री का दृष्टिकोण
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने चिंतन शिविर के शुभारंभ के दौरान अपने संबोधन में कहा, “यह चिंतन शिविर हमारे लिए एक मंच है, जहां हम विशेषज्ञों के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ के विकास के लिए नए विचारों और रणनीतियों पर चर्चा कर सकते हैं। हमारा लक्ष्य है कि छत्तीसगढ़ को सुशासन और समृद्धि के पथ पर ले जाया जाए, ताकि प्रत्येक नागरिक को इसका लाभ मिले।” उन्होंने यह भी कहा कि इस शिविर में होने वाली चर्चाएं और सुझाव छत्तीसगढ़ के विजन डॉक्यूमेंट और भविष्य की नीतियों को और मजबूत करेंगे।
दूसरे दिन का एजेंडा
शिविर के दूसरे दिन भी कई महत्वपूर्ण सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनमें डिजिटल गवर्नेंस, पर्यावरण और सतत विकास, और छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान को बढ़ावा देने जैसे विषय शामिल होंगे। इसके अलावा, मंत्रिमंडल के सदस्य विशेषज्ञों के साथ संवाद करेंगे और राज्य के सामने आने वाली चुनौतियों पर विचार-विमर्श करेंगे।
छत्तीसगढ़ में सुशासन की दिशा में कदम
छत्तीसगढ़ सरकार ने हाल के वर्षों में सुशासन और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। इस चिंतन शिविर का आयोजन भी उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। सरकार ने डिजिटल गवर्नेंस को बढ़ावा देने, भ्रष्टाचार को रोकने और जनता की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए कई योजनाएं लागू की हैं। इस शिविर के माध्यम से इन प्रयासों को और गति मिलने की उम्मीद है।
चिंतन शिविर 2.0 छत्तीसगढ़ सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है, जो नीति निर्माण और सुशासन को बढ़ावा देने में मदद करेगा। इस आयोजन के माध्यम से प्राप्त सुझाव और रणनीतियां राज्य के विकास को नई दिशा प्रदान करेंगी। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और उनके मंत्रिमंडल की इस पहल से छत्तीसगढ़ में सुशासन, पारदर्शिता और समावेशी विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।