पत्थलगांव की जर्जर सड़कों पर विधानसभा में हंगामा: विधायक गोमती साय ने उठाए तीखे सवाल…..

रायपुर, 17 जुलाई 2025: छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में पत्थलगांव क्षेत्र की जर्जर सड़कों और लंबित निर्माण कार्यों को लेकर विधायक श्रीमती गोमती साय ने उप मुख्यमंत्री एवं लोक निर्माण मंत्री श्री अरुण साव से तीखे सवाल पूछे। उन्होंने क्षेत्र की जनता की परेशानियों को जोरदार तरीके से सदन में उठाया और सड़क निर्माण में हो रही देरी पर कड़ा रुख अपनाया। इस मुद्दे ने विधानसभा में गर्मागर्म चर्चा को जन्म दिया, क्योंकि यह न केवल पत्थलगांव बल्कि ग्रामीण छत्तीसगढ़ के कई क्षेत्रों की सड़क समस्याओं का प्रतीक बन गया है।
विधायक गोमती साय ने उठाए तीन अहम सवाल
श्रीमती गोमती साय ने विधानसभा में अपने सवालों के माध्यम से पत्थलगांव क्षेत्र की सड़कों की बदहाल स्थिति पर प्रकाश डाला। उनके सवालों के तीन प्रमुख बिंदु इस प्रकार थे:
1. सड़क निर्माण का ब्योरा : वर्ष 2020-21 से 15 जून 2025 तक पत्थलगांव क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा स्वीकृत सड़कों और अन्य कार्यों का विस्तृत विवरण।
2. बजट और स्वीकृति: स्वीकृत कार्यों के लिए कितनी राशि जारी की गई और कितनी राशि अभी भी शेष है।
3. देरी के कारण और पूर्णता की समयसीमा: सड़कों की वर्तमान स्थिति, निर्माण में देरी के कारण, और कार्य पूर्ण होने की संभावित समयसीमा।
इन सवालों के जरिए विधायक ने क्षेत्र की जनता की लंबे समय से चली आ रही शिकायतों को सामने रखा, जो खराब सड़कों के कारण आवागमन में भारी असुविधा का सामना कर रही है।
लोक निर्माण मंत्री का जवाब
उप मुख्यमंत्री एवं लोक निर्माण मंत्री श्री अरुण साव ने विधायक के सवालों का जवाब देते हुए बताया कि वर्ष 2020-21 से 15 जून 2025 तक पत्थलगांव क्षेत्र में 170 कार्यों को बजट में शामिल किया गया है। इनके लिए कुल 9,885.481 लाख रुपये का बजट प्रावधान किया गया। इनमें से 67 कार्यों के लिए 47,504.37 लाख रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति जारी हो चुकी है। हालांकि, शेष कार्यों के लिए प्रशासकीय स्वीकृति की समयसीमा स्पष्ट नहीं की गई, जिसे उन्होंने विभागीय प्रक्रियाओं की जटिलता से जोड़ा।
मंत्री ने कार्यों की प्रगति पर जानकारी देते हुए कहा:
– पूर्ण कार्य : कुछ सड़क निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं, जिससे कुछ क्षेत्रों में आवागमन में सुधार हुआ है।
– अपूर्ण कार्य : कई कार्य अभी भी प्रगति पर हैं, लेकिन पूर्णता में देरी हो रही है।
– अप्रारंभ कार्य : कुछ स्वीकृत कार्यों की शुरुआत अभी नहीं हो पाई है।
देरी के कारणों के बारे में श्री साव ने बताया कि मौसम की प्रतिकूलता, विशेष रूप से मानसून के दौरान बारिश, सामग्री आपूर्ति में व्यवधान, प्रशासनिक प्रक्रियाओं में विलंब, और ठेकेदारों की कार्यक्षमता की कमी प्रमुख बाधाएं हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि विभाग इन समस्याओं को दूर करने के लिए प्रयासरत है।
विधायक का आक्रोश: “जनता और इंतजार नहीं कर सकती”
श्रीमती गोमती साय ने मंत्री के जवाब पर असंतोष जताते हुए कहा कि पत्थलगांव की जनता लंबे समय से सड़कों की बदहाल स्थिति से त्रस्त है। खराब सड़कों के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में न केवल आवागमन बाधित हो रहा है, बल्कि व्यापार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा, “जनता अब और प्रतीक्षा नहीं करना चाहती। लोक निर्माण विभाग को स्वीकृत कार्यों में तेजी लानी होगी और गुणवत्तापूर्ण निर्माण सुनिश्चित करना होगा।”
उन्होंने विभाग से मांग की कि सड़क निर्माण की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जाए और ठेकेदारों की जवाबदेही तय की जाए। साथ ही, उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने की मांग की कि सभी कार्य निर्धारित समयसीमा में पूर्ण हों, ताकि क्षेत्र की जनता को राहत मिल सके।
पत्थलगांव की सड़कों की स्थिति
पत्थलगांव, जो छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, में सड़कों की स्थिति लंबे समय से चिंता का विषय रही है। कई ग्रामीण क्षेत्रों में पक्की सड़कों का अभाव है, और जहां सड़कें हैं, वहां बारिश के कारण गड्ढे और क्षति आम बात है। मानसून के दौरान स्थिति और भी बदतर हो जाती है, जिससे ग्रामीणों को कीचड़ और फिसलन भरे रास्तों से गुजरना पड़ता है। यह न केवल दैनिक आवागमन को प्रभावित करता है, बल्कि आपातकालीन सेवाओं, जैसे एम्बुलेंस और स्कूल बसों, के लिए भी चुनौती बनता है।
स्थानीय जनता की प्रतिक्रिया
पत्थलगांव के निवासियों ने विधायक गोमती साय के इस कदम का स्वागत किया है। स्थानीय निवासी एवं भाजपा नेता अंकित बंसल ने कहा, “हमारी सड़कें इतनी खराब हैं कि बारिश में पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। विधायक जी ने सदन में हमारी आवाज उठाई, अब सरकार को जल्द से जल्द कार्रवाई करनी चाहिए।” वहीं, पत्थलगांव के वरिष्ठ पत्रकार नीरज गुप्ता ने बताया कि “पत्थलगांव को शहर के अलावा ग्रामीण इलाकों की सड़कें इतनी खराब हो चुकी हैं कि ख़राब सड़कों के कारण जन जीवन अस्त व्यस्त हो चुका है। बच्चों को स्कूल पहुंचने में दिक्कत होती है और मरीजों को अस्पताल ले जाना भी चुनौतीपूर्ण है।”
लोक निर्माण विभाग के सामने चुनौतियां
लोक निर्माण विभाग के सामने कई चुनौतियां हैं, जिनमें शामिल हैं:
– मौसम की बाधाएं: छत्तीसगढ़ में भारी मानसून बारिश सड़क निर्माण कार्यों को बार-बार प्रभावित करती है।
– ठेकेदारों की लापरवाही: कई मामलों में ठेकेदार समय पर काम पूरा नहीं करते या गुणवत्ताहीन सामग्री का उपयोग करते हैं, जिससे सड़कें जल्दी खराब हो जाती हैं।
– प्रशासनिक देरी: स्वीकृतियों और निविदा प्रक्रियाओं में देरी भी कार्यों को प्रभावित करती है।
– सामग्री की कमी: निर्माण के लिए आवश्यक सामग्री, जैसे गिट्टी और रेत, की आपूर्ति में व्यवधान।
सड़क निर्माण कार्य पूरा नहीं होने तक गोमती साय उठाएंगी मुद्दा
विधायक गोमती साय ने इस मुद्दे को लगातार उठाने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि वे पत्थलगांव की जनता की समस्याओं को लेकर चुप नहीं बैठेंगी और विभाग से नियमित अपडेट मांगती रहेंगी। साथ ही, उन्होंने ग्रामीणों से भी आह्वान किया कि वे सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर नजर रखें और किसी भी अनियमितता की शिकायत तुरंत दर्ज करें।
लोक निर्माण विभाग ने भी आश्वासन दिया है कि वह स्वीकृत कार्यों को प्राथमिकता देगा और देरी के कारणों को दूर करने के लिए कदम उठाएगा। हालांकि, शेष कार्यों के लिए स्वीकृति और पूर्णता की समयसीमा पर स्पष्टता का अभाव जनता के बीच असंतोष का कारण बन सकता है।
पत्थलगांव की सड़कों का मुद्दा न केवल एक स्थानीय समस्या है, बल्कि यह ग्रामीण भारत में बुनियादी ढांचे के विकास की व्यापक चुनौतियों को दर्शाता है। विधायक गोमती साय के प्रयासों से इस मुद्दे ने विधानसभा में प्रमुखता पाई है, और अब जनता की निगाहें सरकार और लोक निर्माण विभाग पर टिकी हैं। क्या पत्थलगांव की जनता को जल्द ही बेहतर सड़कों की सौगात मिलेगी? यह समय और विभाग की कार्यप्रणाली पर निर्भर करता है।