सीतापुर (सरगुजा). नगर पंचायत चुनाव की “कत्ल की रात” में सियासी तापमान चरम पर पहुंच चुका है। बीजेपी और कांग्रेस ने हर वार्ड में पूरी ताकत झोंक दी है, लेकिन कई वार्डों में निर्दलीय उम्मीदवार बड़े उलटफेर की तैयारी में हैं
पैसा, दारू, बकरा… वोटों की सौदेबाजी जोरों पर!
मतदान के पहले की रात देर रात तक प्रत्याशी अपनी रणनीति को अमली जामा पहनाने में लगे रहे. जिन जिन सीटों पर उम्मीदवारों के हक में समीकरण नहीं बैठ रहा है वो आखिरी रात पैसा, शराब, मुर्गा बकरा जमकर बांट रहे हैं और हवा को अपने पक्ष में लाने की कोशिश कर रहे हैं।
रणनीति के मोर्चे पर जुटे नेता
मतदान से ठीक पहले कांग्रेस नेता अमरजीत भगत ने कमजोर पड़ रहे वार्डों में खुद डोर-टू-डोर पहुंचकर समीकरण साधने की कोशिश की, वहीं बीजेपी विधायक रामकुमार टोप्पो ने अपनी टीम को वार्डों में उतारा।
कौन भारी, कौन हल्का? सर्वे में चौंकाने वाले आंकड़े
सर्वे एजेंसी वन प्वाइंट के मुताबिक, दो वार्डों में भाजपा और कांग्रेस की स्थिति मजबूत है, लेकिन तीन वार्डों में निर्दलीयों का जबरदस्त दबदबा दिख रहा है। खासकर एक निर्दलीय उम्मीदवार ने अपने व्यवहार और कड़ी मेहनत से अपने विरोधियों के कोर वोटर ग्रुप में सेंध लगाते हुए दोनों के मुकाबले खुद को मजबूत स्थिति में ले आया है।
कांग्रेस के जिन 2 उम्मीदवारों ने खुद को मजबूत स्थिति में लाया है, उनमें एक मौजूदा पार्षद है जबकि जिन वार्डों में भाजपा मजबूत है उन दोनों वार्डों में नए उम्मीदवार हैं।
सबसे महंगा चुनाव वार्ड-6 में, “जो चाहो ले जाओ” स्कीम!
इस चुनाव में सबसे ज्यादा खर्चा वार्ड नंबर 6 में हो रहा है, जहां वोटरों की “चांदी” हो गई है। यहां प्रत्याशियों की ओर से “जो चाहो, ले जाओ” जैसी स्कीम चलाई जा रही है। वहीं, वार्ड नंबर 3 और 1 में भी जमकर पैसा बह रहा है। तीन नंबर की लड़ाई इस वजह से काफी दिलचस्प हो गई है।
समाजों की बैठकें, लेकिन असली फैसला कुछ घंटों बाद…
शाम से लेकर देर रात तक शहर में विभिन्न समाजों की बैठकें हुईं, जहां वोटिंग को लेकर रणनीति तय की गई। लेकिन असली फैसला अब से कुछ घंटे बाद आना शुरू होगा जब जनता अपने वोट देना शुरू करेगी।