Breaking News

जशपुर में 28 जुलाई को विशाल कांवड़ यात्रा: मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय के साथ हजारों शिव भक्त होंगे शामिल…..

जशपुर, 27 जुलाई 2025: श्रावण मास के पावन अवसर पर छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में 28 जुलाई 2025 को एक भव्य और विशाल कांवड़ यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। इस धार्मिक यात्रा में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय विशेष रूप से शामिल होंगी, जिससे इस आयोजन को विशेष गरिमा और उत्साह प्राप्त होगा। यह यात्रा श्री काशी विश्वनाथ शिव मंदिर, तीतरमारा संगम तट से प्रारंभ होकर श्री फलेश्वर नाथ मंदिर, बगिया तक जाएगी।

कांवड़ यात्रा का शुभारंभ और मार्ग

यह धार्मिक यात्रा 28 जुलाई को प्रातः 7 बजे शुरू होगी। हजारों की संख्या में शिव भक्त, महिला-पुरुष, भगवा वस्त्रों में सजकर गंगाजल से भरी कांवड़ कंधों पर उठाएंगे और “हर हर महादेव” तथा “बम बम भोले” के जयकारों के साथ श्री फलेश्वर नाथ मंदिर तक पैदल यात्रा करेंगे। यह यात्रा भक्ति, श्रद्धा और सामूहिकता का अनुपम संगम होगी, जो जशपुर के धार्मिक और सांस्कृतिक परिदृश्य को और समृद्ध करेगी। कांवड़ यात्रा का मार्ग तीतरमारा संगम तट से शुरू होकर बगिया स्थित श्री फलेश्वर नाथ मंदिर तक होगा। इस दौरान श्रद्धालु भगवान शिव के प्रति अपनी अटूट आस्था का प्रदर्शन करेंगे और गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करेंगे। यात्रा के दौरान भक्ति भजनों और शिव तांडव के गीतों से वातावरण शिवमय हो जाएगा।

श्रीमती कौशल्या साय की उपस्थिति से बढ़ेगी आयोजन की शोभा

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय की इस कांवड़ यात्रा में भागीदारी से आयोजन को विशेष महत्व प्राप्त हुआ है। श्रीमती साय इससे पूर्व भी कई धार्मिक और सामाजिक आयोजनों में सक्रिय रूप से शामिल रही हैं, जिससे उन्होंने सामाजिक एकता और सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनकी उपस्थिति से शिव भक्तों में और अधिक उत्साह देखा जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि श्रीमती साय की सहभागिता इस आयोजन को न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक समरसता का प्रतीक भी बनाएगी।

श्री फलेश्वर नाथ मंदिर में भव्य भंडारा

कांवड़ यात्रा के साथ-साथ श्रावण मास के तीसरे सोमवार को श्री फलेश्वर नाथ मंदिर, बगिया में एक विशाल भंडारे का भी आयोजन किया जा रहा है। इस भंडारे में हजारों शिव भक्त प्रसाद ग्रहण करेंगे। भंडारा आयोजन समिति ने इस अवसर पर सभी श्रद्धालुओं के लिए भोजन और अन्य सुविधाओं की व्यापक व्यवस्था की है। भंडारे में स्थानीय व्यंजनों के साथ-साथ शुद्ध और सात्विक भोजन परोसा जाएगा, जो श्रद्धालुओं की भक्ति और तपस्या को और बढ़ाएगा।

आयोजन की तैयारियां और उत्साह

कांवड़ यात्रा और भंडारे की तैयारियों को लेकर जशपुर में उत्सव जैसा माहौल है। आयोजन समिति ने यात्रा मार्ग पर स्वच्छता, पेयजल, और सुरक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित की है। स्थानीय प्रशासन और पुलिस भी इस आयोजन को सुचारु और सुरक्षित बनाने के लिए पूरी तरह तैयार है। जशपुर के शिव भक्तों में इस यात्रा को लेकर अपार उत्साह देखा जा रहा है। कई युवा और महिला संगठन भी इस आयोजन में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं, जो इस धार्मिक यात्रा को सामुदायिक सहभागिता का एक उत्कृष्ट उदाहरण बनाता है।

कांवड़ यात्रा का धार्मिक महत्व

कांवड़ यात्रा का धार्मिक महत्व हिंदू धर्म में अत्यंत गहरा है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान भगवान शिव ने हलाहल विष का पान किया था, जिसके प्रभाव को कम करने के लिए देवताओं ने उन पर गंगाजल अर्पित किया। तभी से सावन मास में गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करने की परंपरा शुरू हुई। यह यात्रा भक्ति, तपस्या और समर्पण का प्रतीक है। मान्यता है कि कांवड़ यात्रा करने और शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व

कांवड़ यात्रा केवल एक धार्मिक आयोजन ही नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक है। यह यात्रा विभिन्न जातियों और समुदायों को एक मंच पर लाती है, जहां सभी एक साथ भगवान शिव की भक्ति में लीन होकर सामाजिक समरसता का संदेश देते हैं। जशपुर जैसे आदिवासी बहुल क्षेत्र में इस तरह के आयोजन सांस्कृतिक और धार्मिक एकता को और मजबूत करते हैं।

आमंत्रण और अपील

आयोजन समिति ने जशपुर के सभी नागरिकों से इस कांवड़ यात्रा और भंडारे में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की है। समिति ने कहा, “यह यात्रा हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का हिस्सा है। आइए, हम सभी मिलकर भगवान शिव की भक्ति में लीन हों और इस पावन अवसर पर सामाजिक एकता का परिचय दें।”

जशपुर की यह विशाल कांवड़ यात्रा न केवल धार्मिक उत्साह का प्रतीक होगी, बल्कि यह क्षेत्र की सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान को भी राष्ट्रीय स्तर पर उजागर करेगी। इस आयोजन से जशपुर में धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

हर हर महादेव!

Related Articles

Back to top button