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जशपुर में आदिवासी युवाओं को नई उड़ान: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर अत्याधुनिक तीरंदाजी अकादमी की स्थापना…..

 

रायपुर, 26 जुलाई 2025: छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के सुदूरवर्ती क्षेत्र पंड्रापाठ में एक नई क्रांति की शुरुआत होने जा रही है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की प्रेरणा और नेतृत्व में ग्रामीण और आदिवासी युवाओं की प्रतिभा को निखारने के लिए एक अत्याधुनिक तीरंदाजी प्रशिक्षण केंद्र सहित बहु-उद्देशीय परिसर की स्थापना की जा रही है। यह परियोजना न केवल खेल के क्षेत्र में, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, और कौशल विकास के माध्यम से समग्र विकास की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी।

20.53 करोड़ की लागत से बनेगा बहु-उद्देशीय परिसर

नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (एनटीपीसी) द्वारा कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) के तहत इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए 20.53 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है। पंड्रापाठ (तहसील सन्ना, विकासखंड बगीचा) में 10.27 एकड़ (लगभग 41,565 वर्गमीटर) भूमि पर विकसित होने वाले इस परिसर में निम्नलिखित सुविधाएं शामिल होंगी:
– अत्याधुनिक तीरंदाजी प्रशिक्षण केंद्र: ग्रामीण युवाओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीरंदाजी में अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करेगा।
– लघु पुस्तकालय: शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक समृद्ध संसाधन केंद्र।
– प्राथमिक चिकित्सा इकाई: स्थानीय समुदाय के लिए त्वरित स्वास्थ्य सेवाएं।
– कौशल विकास केंद्र: युवाओं को रोजगारपरक कौशल सिखाने के लिए प्रशिक्षण सुविधा।
– जैविक खेती हेतु छायादार नर्सरी: स्थानीय किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहन।
– औषधीय उद्यान: जड़ी-बूटियों और औषधीय वृक्षों का रोपण, जो स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देगा।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का विजन: समावेशी विकास की नई दिशा

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस परियोजना को ग्रामीण और आदिवासी युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर बताया।  उन्होंने कहा कि

“जशपुर जैसे सुदूर क्षेत्रों में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, लेकिन अवसरों की कमी ने उन्हें पीछे रखा है। यह अत्याधुनिक परिसर युवाओं को अपनी प्रतिभा को निखारने और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मंचों पर छत्तीसगढ़ का नाम रोशन करने का मौका देगा।” यह परियोजना खेल, शिक्षा, स्वास्थ्य, और कौशल विकास को एकीकृत कर समावेशी विकास की एक नई धारा स्थापित करेगी। यह परियोजना न केवल जशपुर के युवाओं को सशक्त बनाएगी, बल्कि स्थानीय समुदाय के लिए आर्थिक और सामाजिक उन्नति का मार्ग भी प्रशस्त करेगी।

विशेषज्ञों द्वारा तैयार योजना

परियोजना के लिए विस्तृत साइट लेआउट, 3-डी डिज़ाइन, भवनों की संरचना, और प्रत्येक घटक की लागत का विवरण विशेषज्ञ परामर्शदाताओं द्वारा तैयार किया गया है। स्थानीय प्रशासन के सहयोग से भूमि चयन का कार्य पूरा हो चुका है, और परियोजना का निर्माण कार्य शीघ्र शुरू होने की उम्मीद है। यह परिसर आधुनिक तकनीकों और पर्यावरण-अनुकूल डिज़ाइनों के साथ बनाया जाएगा, जो इसे दीर्घकालिक और टिकाऊ बनाएगा।

जशपुर: तीरंदाजी और ग्रामीण विकास का नया केंद्र

जशपुर, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध आदिवासी संस्कृति के लिए जाना जाता है, अब तीरंदाजी और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में एक नया केंद्र बनने जा रहा है। यह परियोजना स्थानीय युवाओं को खेल के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित करेगी, साथ ही शिक्षा और कौशल विकास के माध्यम से उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगी। औषधीय उद्यान और जैविक खेती की नर्सरी स्थानीय किसानों और समुदाय को पर्यावरण संरक्षण और टिकाऊ आजीविका के नए अवसर प्रदान करेगी।

छत्तीसगढ़ में समग्र विकास की दिशा में एक और कदम

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को गति देने के लिए प्रतिबद्ध है। यह परियोजना खेल, शिक्षा, और स्वास्थ्य के क्षेत्र में समन्वित दृष्टिकोण का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यह न केवल जशपुर, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के लिए एक प्रेरणादायक मॉडल बन सकता है। इस परियोजना के पूरा होने से जशपुर के युवा न केवल तीरंदाजी जैसे खेलों में अपनी पहचान बनाएंगे, बल्कि शिक्षा और कौशल विकास के माध्यम से आत्मनिर्भरता की दिशा में भी कदम बढ़ाएंगे। यह परियोजना ग्रामीण भारत के समावेशी विकास के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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